Wednesday, May 5, 2010

Jubse Tune Mujhe

जबसे तुने मुझे दीवाना बना रखा है
संग हर शख्स ने हाथों में उठा रखा है

उसके दिल पर भी कड़ी इश्क में गुज़री होगी
नाम जिसने भी मुहब्बत का सज़ा रखा है

पत्थरों आज मेरे सर पे बरसते क्यों हो
मैंने  तुमको भी कभी अपना खुदा रखा है

अब मेरे दीद की दुनिया भी तमाशाई है
तुने क्या मुझको मुहब्बत में बना रखा है

पी जा अय्याम की तल्खी को भी हँस कर नासिर
गम को सहने में भी कुदरत ने मज़ा रखा है



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